Tuesday, January 13, 2015

मकर संक्राति का महत्व

~~~~~मकर संक्राति का महत्व हिन्दू धर्म के अनुसार~~~~~

मकर संक्रांति 14 को, क्या आप जानते हैं क्यों मनाते हैं ये उत्सव
हिंदू पंचांग के अनुसार पौष मास के शुक्ल पक्ष में मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। भारत के विभिन्न हिस्सों में इस पर्व को अलग-अलग तरह से मनाया जाता है लेकिन ये पर्व मनाया क्यों जाता है ये बहुत ही कम लोग जानते हैं।

इस पर्व का महत्व इस प्रकार है-

ज्योतिष के अनुसार सूर्य का मकर राशि में प्रवेश करना ही मकर संक्रांति कहलाता है। इसी दिन से सूर्य उत्तरायण हो जाता है। शास्त्रों में उत्तारायण की अवधि को देवताओं का दिन तथा दक्षिणायन को देवताओं की रात कहा गया है। इस दिन स्नान, दान, तप, जप, श्राद्ध तथा अनुष्ठान आदि का अत्यधिक महत्व है। कहते हैं कि इस अवसर पर किया गया दान सौ गुना होकर प्राप्त होता है।
मकर संक्रांति के दिन घी व कंबल के दान का भी विशेष महत्व है। इसका दान करने वाला संपूर्ण भोगों को भोगकर मोक्ष को प्राप्त होता है|

माघे मासि महादेव यो दद्याद् घृतकम्बलम्।
स भुकत्वा सकलान् भोगान् अन्ते मोक्षं च विन्दति।।

मकर संक्रांति के दिन गंगास्नान व गंगातट पर दान की विशेष महिमा है। भारत के अलग-अलग प्रांतों में मकर संक्रांति का पर्व विभिन्न नामों व तरीकों से मनाया जाता है।

भारतीय ज्योतिष के अनुसार मकर संक्रांति के दिन सूर्य के एक राशि से दूसरे राशि में हुए परिवर्तन को अंधकार से प्रकाश की ओर हुआ परिवर्तन माना जाता है। मकर संक्रांति से दिन बढऩे लगता है और रात की अवधि कम होती जाती है। चूंकि सूर्य ही ऊर्जा का सबसे प्रमुख स्त्रोत है इसलिए हिंदू धर्म में मकर संक्रांति मनाने का विशेष महत्व है।

मकर संक्रांति हर वर्ष १४ जनवरी को मनाये जाती है


जानिए मकर संक्रांति पर क्यों खाते हैं तिल-गुड़ के लड्डू -------------
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भारत को त्योहारों का देश कहा जाता है। त्योहारों की बात हो और मिठाई न हो ऐसा तो हो नहीं सकता। हर त्योहार पर विशेष पकवान बनाने व खाने की परंपराएं भी हमारे यहां प्रचलित हैं। मकर संक्रांति के अवसर पर विशेष रूप से तिल व गुड़ के पकवान बनाने व खाने की परंपरा है। कहीं तिल व गुड़ के स्वादिष्ट लड्डू बनाए जाते हैं तो कहीं चक्की बनाकर तिल व गुड़ का सेवन किया जाता है। तिल व गुड़ की गजक भी लोगों को खूब भाती है। मकर संक्रांति के पर्व पर तिल व गुड़ का सेवन करने के पीछे वैज्ञानिक आधार भी है।

सर्दी के मौसम में जब शरीर को गर्मी की आवश्यकता होती है तब तिल व गुड़ के व्यंजन यह काम बखूबी करते हैं। तिल में तेल की प्रचुरता रहती है जिसका सेवन करने से हमारे शरीर में पर्याप्त मात्रा में तेल पहुंचता है जो हमारे शरीर को गर्माहट देता है। इसी प्रकार गुड़ की तासीर भी गर्म होती है। तिल व गुड़ को मिलाकर जो व्यंजन बनाए जाते हैं वह सर्दी के मौसम में हमारे शरीर में आवश्यक गर्मी पहुंचाते हैं। यही कारण है कि मकर संक्रांति के अवसर पर तिल व गुड़ के व्यंजन प्रमुखता से खाए जाते हैं।