!!@!!** जय श्री बांके बिहारी ***!!@!!
*********राधे-राधे******** ******
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
आगे गाय पाछें गाय इत गाय उत गाय,
गोविंद को गायन में बसबोइ भावे।
गायन के संग धावें, गायन में सचु पावें,
गायन की खुर रज अंग लपटावे॥
गायन सो ब्रज छायो, बैकुंठ बिसरायो,
गायन के हेत गिरि कर ले उठावे।
'छीतस्वामी' गिरिधारी, विट्ठलेश वपुधारी,
ग्वारिया को भेष धरें गायन में आवे॥
राधेकृष्ण राधेकृष्ण कृष्ण कृष्ण राधे राधे
राधेश्याम राधेश्याम श्याम श्याम राधे राधे
"जय श्री राधे कृष्णा""
अभिवादन सभी मित्रों को..........!
*********राधे-राधे********
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आगे गाय पाछें गाय इत गाय उत गाय,
गोविंद को गायन में बसबोइ भावे।
गायन के संग धावें, गायन में सचु पावें,
गायन की खुर रज अंग लपटावे॥
गायन सो ब्रज छायो, बैकुंठ बिसरायो,
गायन के हेत गिरि कर ले उठावे।
'छीतस्वामी' गिरिधारी, विट्ठलेश वपुधारी,
ग्वारिया को भेष धरें गायन में आवे॥
राधेकृष्ण राधेकृष्ण कृष्ण कृष्ण राधे राधे
राधेश्याम राधेश्याम श्याम श्याम राधे राधे
"जय श्री राधे कृष्णा""
अभिवादन सभी मित्रों को..........!
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