Sunday, March 17, 2013

गम के सागर मे,
 कुछ इस तरह डूबे है         "माँ " ........
कि, किनारा ही, नजर नही आता,

.तुम्हारी उमीद है,              "माँ " .......
वरना कोई, सहारा ही, नजर
नही आता ...........
जय माता दी
///////माँ कि पुजारन///////
///////महाकाल सेविका////

No comments:

Post a Comment