´र´´ कार का अनुसंधान करके तो देख। पूर्वकृत
कर्मों का नाश न कर दूं तो कहना।।
राम नाम को अपने ध्यान में बसाकर तो देख। तुझे
मूल्यावान न बना दूं तो कहना।।
´´ अ´´ कार का अनुसंधान करके तो देख।
अन्त:करण का अन्धकार न मिटा दूं तो कहना।।
राम नाम का मनन करके तो देख। ज्ञान के
मोती तूझ में न भर दूं तो कहना।।
´´म´´ कार का अनुुसंधान करके तो देख।
अमृतानन्द की वर्षा न कर दूं तो कहना।।
राम नाम को सहारा बना कर देख। तुम्हें
सबकी गुलामी से न छुड़ां दूं तो कहना।।
´´र´´ ´अ´ ´म´ को मिलाकर ´राम´ लिख।
जीवन मरण से मुक्त न करा दूं तो कहना।।
रामनामानुराग में आँसू बहा कर तो देख। तेरे
जीवन में आनन्द की नदियां न बहा दूं तो कहना।।
राम नाम लिखना तो सिखो। कहां से कहां न
पंहुचा दूं तो कहना।।
राम नाम का प्रचारक बन के तो देख। तुझे
किमती न बना दूं तो कहना।।
जप मार्ग पर पैर रख कर तो देख। तेरे लिये सब
मार्ग न खोल दूं तो कहना।।
भक्तिमयी राहों पर चलकर तो देख। तुझे
शान्ति दूत न बना दूं तो कहना।।
राम नाम के लिये खर्च करके तो देख। कुबेर के
भण्डार न खोल दूं तो कहना।।
राम नाम पर खुद को न्यौछावर करके तो देख।
पूरा संसार न्यौछावर न कर दूं तो कहना।।
राम नाम सुन के सुना के तो देख। कृपा और
कृपा न बरसा दूं तो कहना।।
´´राम´´ नाम का लिखित जप करके तो देख।
माया से मुक्त न करा दूं तो कहना।।
राम नाम की तरफ हाथ बढ़ाकर तो देख। दौड़ कर
गले न लगा लू तो कहना।।
राम नाम का तू बन के तो देख। हर एक
को तेरा न बना दूं तो कहना।।
No comments:
Post a Comment