Monday, March 25, 2013
शास्त्रों के अनुसार गौसेवा के पुण्य का प्रभाव कई जन्मों तक बना रहता है
शास्त्रों के अनुसार गौसेवा के पुण्य का प्रभाव कई जन्मों तक बना रहता है।
इसीलिए गाय की सेवा करने की बात कही जाती है। पुराने समय से ही गौ सेवा को धर्म के साथ ही जोड़ा गया है।
गौ सेवा भी धर्म का ही अंग है। गाय को हमारी माता बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि गाय में हमारे सभी देवी-देवता निवास करते हैं। इसी वजह से मात्र गाय की सेवा से ही भगवान प्रसन्न हो जाते हैं। इसलिए प्रतिदिन हमें गाय को कम से कम एक रोटी अवश्य खिलानी चाहिए।
भगवान श्रीकृष्ण के साथ ही गौ माता की भी पूजा की जाती है। भागवत में श्रीकृष्ण ने भी इंद्र पूजा बंद करवाकर गौ माता की पूजा प्रारंभ करवाई है। इसी बात से स्पष्ट होता है कि गाय की सेवा कितना पुण्य का अर्जित करवाती है। गाय के धार्मिक महत्व को ध्यान में रखते हुए कई घरों में यह परंपरा होती है कि जब भी खाना बनता है पहली रोटी गाय को खिलाई जाती है। यह पुण्य कर्म बिल्कुल वैसा हीजैसे भगवान को भोग लगाना। गाय को पहली रोटी खिला देने से सभी देवी-देवताओं को भोग लग जाता है।
लेकिन समस्त मनुष्यों के लिए सुख-शांति के भण्डार एवं समस्त फल दायिनी गौ माता का वर्तमान में घोर तिरस्कार हो रहा है। बड़े दुख की बात है गोपाल के देश में आज निर्बाध गो-वध जारी है और गो रक्त से भारत की पवित्र भूमि लाल हो रही है।
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