जय जय शनि देव
शास्त्रों में शनिदेव को ज्ञान, तप, पुरुषार्थ,
अध्यात्म जैसे कई गुण व
शक्तियों का स्वामी भी माना गया है। इसके पीछे
उनका जगत की आत्मा माने जाने वाले
देवता सूर्यदेव का पुत्र व ज्ञानस्वरूप महादेव का परम भक्त होना भी वजह मानी जाती है। ये
सभी गुण व शक्तियां बुद्धि को पवित्र, प्रखर व
तीक्ष्ण बनाने वाली होती है। इसलिए
शनि की उपासना केवल पीड़ा, कष्ट या संताप दूर
करने के नजरिए से ही नहीं, बल्कि मन-मस्तिष्क
को सबल बना जीवन की सुख-सफलता के लिए भी बड़ी शुभ मानी जाती है। शनि की कृपा से मिली तेज बुद्धि राजनीति,
कारोबार, कानूनी क्षेत्र में सफलता, यश व
प्रतिष्ठा के देने के साथ
ही भाग्यशाली भी बनाती है। खासतौर पर शनिवार के दिन अगली स्लाइड के
साथ बताए जा रहे शनि मंत्र को बोल
बुद्धि को प्रखर बनाने के साथ-साथ मानसिक
अशांति से भी छुटकारा पाया जा सकता है-
- शनिवार को शनि पूजा में काला गंध, काले फूल
(कालगहर के फूल), तिल, काला वस्त्र, तेल चढ़ाकर तिल के तेल से बने व्यजंन का भोग लगाएं और यह
मंत्र स्मरण करें -
नमोस्तु प्रेतराजाय कृष्णदेहाय वै नम:।
शनैश्चराय क्रूराय शुद्धबुद्धिप्रदायिने।
No comments:
Post a Comment