Thursday, April 11, 2013

.jai mahavir swami


.......jai mahavir swami & jai jinendra shah..........
...भगवान महावीर ने दुनिया को कई उपदेश, बहुत ही अच्छे संदेश दिए। उनका सबसे प्रिय संदेश था अहिंसा के मार्ग पर चलने का। जितने उपदेश उन्होंने इस दुनिया को दिए, मुझे नहीं लगता कि दुनियावासी उनका अनुसरण कर रहे होंगे।

आज के युग में जहाँ चारों ओर चोरी-डकैती, मारधाड़, लूटपाट, आतंकवाद फैला हुआ है। ऐसे देश में आप कितनी ही बड़ी-बड़ी बातें करें। ये सब बेमानी लगती हैं। क्योंकि आज हर मनुष्‍य की चाहत पैसा, ऐशोआराम की चीजें और जल्द से जल्द अमीर बनने की चाह ने आम आदमी को झकझोर कर रख दिया है। कोई भी मनुष्य आराम से या यूँ कहें कि ईमानदारी से पैसा कमाना नहीं चाहता। सभी इसी भागमभाग में लगे हुए हैं। इसका एक मुख्य कारण आज की बढ़ती महँगाई भी हो सकती है, लेकिन क्या यह सब सही हैं। क्या हमारे संस्कार इतने छोटे हो गए हैं कि कोई भी आदमी चाहे कभी भी, कहीं भी, कुछ भी कर सकता है।

आज आप इस बात का भरोसा नहीं कर सकते कि इस समय आप कितने सुरक्षित हैं। हर पल हर समय यही बात दिल को खाए रहती है कि क्या पता किस समय कौन आपके सामने आ जाए और आप जिंदा भी रह पाएँगे या नहीं। एक पल को तो ऐसा लगता है कि क्या पता हम उन्हीं भगवान महावीर के देश के वासी हैं, जिन्होंने दुनिया को सत्य, अहिंसा, ब्रह्मचर्य, चोरी न करने का पाठ पढ़ाया था।

अगर भगवान महावीर के सारे उपदेश सही हैं। हम उनका अनुसरण भी कर रहे हैं तो रोजाना जो घट रहा है, यह फिर क्या है? यह सोचना और समझना भी बहुत ही मुश्किल है। अगर हम सही मायने में भगवान महावीर की जयंती मनाना चाहते हैं तो पहले हमें अपने आपको, अपनी सोच को सुधारना होगा। फिर हम इस दुनिया को सुधारने का बीड़ा उठाएँ तभी शायद हम भगवान महावीर के सिद्धांतों पर चल सकेंगे और एक बार फिर गर्व से, अपना सीना तानकर कह सकेंगे ‘अहिंसा परमो धर्म की जय’ और तभी हम कहलाएँगे कि हम सचमुच भगवान महावीर को पूजते हैं उन्हें मानते हैं और उनके उपदेशों के अनुसार दिए गए धर्म का पालन करके सच में अहिंसा का मार्ग अपनाते हैं।..

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